जबलपुर में संगीत की संध्या, मधुर धुनों ने बिखेरी खुशियों की बहार
सुरों की सरिता ने सजाया जबलपुर, सदाबहार गीतों का अनोखा संगम
जबलपुर में संगीत का सावन, मधुर गीतों ने मोहित किया श्रोताओं को, कला की कशिश में डूबा शहर ।
जबलपुर में संगीतमय कार्यक्रम आयोजित, सदाबहार गीतों ने बांधा समां
जबलपुर में साज और आवाज म्यूजिकल ग्रुप द्वारा आयोजित एक संगीतमय कार्यक्रम ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस कार्यक्रम में गायक कलाकारों ने 1970 के सदाबहार गीत गाकर अपनी सुरीली आवाज़ से श्रोताओं को मोहित किया।
कार्यक्रम में गायन जीपी आचार्य, सीडी खडसे, एसजी हेलकर, पंकज दुबे, मनीष निगम, मीनल चौधरी, शबनम मसीह, मुकुल वर्मा, उज्जवला हेलकर ने किया। संगीत संयोजन दिनेश खडतिया का रहा, जिन्होंने अपने संगीत से कार्यक्रम को और भी आकर्षक बना दिया।
आयोजन में डॉ. स्वाति गोडबोले, शीला खडसे मौजूद रहीं, जिन्होंने इस कार्यक्रम की सराहना की। इस कार्यक्रम में बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा को भी याद किया गया, जिन्होंने अपनी सुरीली आवाज़ से संगीत जगत में अपनी अमिट छाप छोड़ी है।
कला जगत को जीवन देने वाले कलाकार संगीत के माध्यम से सांसे प्रदान कर रहे हैं। कार्यक्रम में देखो मौसम बहार के थीम पर 1970 के गीत गाए गए, जिनमें तेरा मेरा प्यार अमर, लाखो है यहां दिलवाले, मेरे महबूब कयामत होगी, जिया ले गयो रे, न ये चांद होगा, कहे तोसे सजना, हुस्न से चांद भी शरमाया जैसे गीत शामिल थे, जिन्होंने श्रोताओं को अपनी सुरीली धुन में बांधे रखा।










