आस्था और धर्म यदि देखना है तो पुनः ग्रामीण अंचल की संस्कृति में लौटना होगा। 

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आस्था और धर्म यदि देखना है तो पुनः ग्रामीण अंचल की संस्कृति में लौटना होगा।

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से सटे हुए गांव बिलखिरिया में उजला दर्पण की टीम माता कंकाली मंदिर के लिए जब जंगल मार्ग से जा रही थी तब रास्ते में आस्था और धर्म पर अटूट विश्वास देखने को मिला।

बिलखिरिया ग्राम के लोग माता कंकाली मंदिर सांस्कृतिक क्षेत्रीय गीतों की तान छेड़ते हुए माता को रिझाते हुए, जा रहे थे।

ग्राम बिलखिरिया से मंदिर 3 किलोमीटर दूरी पर है। ग्रामीण गांव से लेकर मंदिर तक लेटते हुए हाथ में नारियल लेकर सरे भरते हुए मातृशक्ति की शक्ति और साहस देखने को मिली।

माता कंकाली मंदिर में सभी की मनोकामना पूर्ण होती है ऐसा यहां के लोगों का मानना है। तेज धूप और तपती रोड के सरे भरते हुए उत्साह के साथ मंदिर पहुंच कर पूजा अर्चना करने के बाद भंडारा किए।।

 

हमारी टीम भी मां के दर्शन कर भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया। आप सभी भी आए और मां के दर्शन करे।

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