


जबलपुर। आगा चौक से सर्वोदय नगर तक सड़कें कचरे से पट चुकी हैं, नालियां सड़ रही हैं, और कॉलोनियों में रहना मुश्किल हो गया है। लेकिन जिम्मेदार अफसर – जोन 05 के CSI वैभव तिवारी और नगर निगम कमिश्नर – आंखें मूंदे बैठे हैं।
वैभव तिवारी के दावों की खुली पोल
वैभव तिवारी हर बार यही रटा-रटाया जवाब देते हैं – “गाड़ी जाती है, सफाईकर्मी तैनात हैं।” सवाल ये है कि फिर आगा चौक से सर्वोदय नगर तक गंदगी के पहाड़ कैसे खड़े हो गए? क्या रहवासी झूठ बोल रहे हैं? क्या सड़ांध फैला रहे नालों की तस्वीरें फर्जी हैं?
वैभव तिवारी को अब जवाब देना होगा – काम हो रहा है या सिर्फ कागज़ पर दिखाया जा रहा है?
अगर गाड़ी रोज जा रही है, तो लोग कचरे में क्यों जी रहे हैं?
नगर निगम कमिश्नर की चुप्पी
नगर निगम कमिश्नर को जबलपुर की जनता ने टैक्स भरकर जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन बदले में मिला है – बेरुखी और चुप्पी। जब शहर के वार्ड गंदगी में डूबे हैं, तो कमिश्नर साहब किस फाइल में खोए हैं?
क्या उनका काम सिर्फ ‘स्वच्छता रैंकिंग’ की तस्वीरें खिंचवाना रह गया है?
कमीशन नहीं, ज़मीन पर काम चाहिए!
रहवासी पूछ रहे हैं –
सफाईकर्मी कहां हैं?
कचरा गाड़ी क्यों नहीं आती?
शिकायतों का जवाब क्यों नहीं दिया जाता?
कमिश्नर और CSI के बीच सिर्फ बहानेबाज़ी का खेल चल रहा है, जबकि कॉलोनियों में डेंगू, मलेरिया फैलने की आशंका बढ़ रही है।
सवाल जनता का, जवाब भी अब चाहिए:
1. क्या नगर निगम सिर्फ टैक्स वसूलने के लिए है?2. क्या वैभव तिवारी और कमिश्नर सिर्फ प्रेस नोट छपवाने के लिए हैं?
3. कब तक जबलपुर की जनता को गंदगी में धकेला जाएगा?
रहवासियों की चेतावनी साफ है – अब सब्र नहीं बचा। अगर नगर निगम नहीं जागा, तो सड़कों पर आंदोलन होगा।
नगर निगम को याद रखना चाहिए – स्वच्छता सिर्फ स्लोगन से नहीं, ज़मीन पर ईमानदारी से उतरती है।
अब जवाब देना होगा – और वो भी कचरे के ढेर पर खड़े होकर नहीं, काम करके!












