सतना में सट्टे का खेल जोरों पर है, और आरोप है कि सटोरिए पुलिस और प्रशासन पर भी अपना प्रभाव रखते हैं। कोलगवां थाने से लेकर सिटी कोतवाली तक के क्षेत्र में सट्टा कारोबार फल-फूल रहा है, और कथित तौर पर पत्रकारों और अधिकारियों का मुंह बंद कर रखा है।
*सट्टे के आरोपियों के दावे*
सटोरियों का कहना है कि पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकती, चाहे वे कुछ भी करें। यह दावा उनके प्रभाव और पहुंच को दर्शाता है।
*पुलिस की कार्रवाई*
हालांकि, पुलिस ने हाल ही में एक फर्जी पुलिस वाले को गिरफ्तार किया है, जो आदिवासी बस्तियों में जाकर अवैध वसूली कर रहा था। यह कार्रवाई दिखाती है कि पुलिस कुछ मामलों में कार्रवाई करने में सक्षम है।
*सतना में सट्टे का कारोबार*
सतना में क्रिकेट और सट्टा कारोबार को बढ़ावा देने वाले लोगों की पहचान करना मुश्किल है, लेकिन यह स्पष्ट है कि सट्टा कारोबार में शामिल लोगों का प्रभाव व्यापक है। सटोरिए कथित तौर पर पत्रकारों, अधिकारियों और पुलिस का मुंह बंद कर देते हैं, जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई करना मुश्किल हो जाता है।
*प्रशासन की भूमिका*
प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि वे सट्टे के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहे हैं। यह आरोप लगाया जा रहा है कि सटोरिए प्रशासन और पुलिस पर अपना प्रभाव रखते हैं, जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती है।
*निष्कर्ष*
सतना में सट्टे का कारोबार एक बड़ी समस्या है, जिसमें सटोरिए कथित तौर पर प्रशासन और पुलिस पर अपना प्रभाव रखते हैं। पुलिस को इस मामले में कार्रवाई करने की आवश्यकता है, ताकि सट्टे के खिलाफ प्रभावी ढंग से निपटा जा सके ¹।












