ड्राइविंग सीट पर न आएं अधिकारी:कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेंस में बोले सीएम- जनप्रतिनिधियों का सम्मान करें अफसर

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( उजला दर्पण सीनियर रिपोर्टर रामगोपालसिंह )

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों से कहा है कि अधिकारी ड्राइविंग सीट पर न आएं बल्कि आस-पास रहकर व्यवस्थाओं का संचालन करते रहें। इसके साथ ही अफसरों को यह भी ताकीद किया गया है कि जनप्रतिनिधियों का सम्मान करें और उनके सुझावों को सुनकर आवश्यकता के अनुसार मानें।

राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आज से शुरू हुई दो दिनी कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेंस में सीएम डॉ यादव ने ये बातें उद्घाटन सत्र में कहीं। कॉन्फ्रेंस में मध्यप्रदेश के सभी 55 जिलों के कलेक्टर, एसपी समेत 250 से अधिक आईएएस, आईपीएस और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी शामिल हो रहे हैं। सीएम इस कॉन्फ्रेंस में अधिकारियों से सीधा संवाद कर रहे हैं। यादव के कार्यकाल में यह पहली फिजिकल कॉन्फ्रेंस हो रही है।

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि जनता का विश्वास हमारी सबसे बड़ी पूंजी है, हमें यह विश्वास बनाए रखना है। हमने प्रदेश में जवाबदेह शासन व्यवस्था स्थापित की है। प्रदेश में सुशासन और समावेशी विकास पर जोर देते हुए सीएम यादव ने कहा कि सभी लोक सेवक प्रदेश के समग्र और समावेशी विकास के लिए प्राण-प्रण से कार्य करें।

कॉन्फ्रेंस में सभी 55 जिलों के कलेक्टर, एसपी समेत 250 से अधिक आईएएस, आईपीएस और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी शामिल हो रहे हैं।

कॉन्फ्रेंस में सभी 55 जिलों के कलेक्टर, एसपी समेत 250 से अधिक आईएएस, आईपीएस और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी शामिल हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन की कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के सर्वांगीण विकास और जनता के कल्याण के लिए शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को एकजुट होकर मिशन मोड में काम करना होगा। लोक सेवकों की जिम्मेदारी है कि वे अपनी प्रतिभा, लगन, क्षमता और समर्पण के साथ जनता तक योजनाओं का अधिकतम लाभ पहुंचाएं। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि हम सब देश और समाज के विकास का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शासन का अंतिम उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास और कल्याण की किरण पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि सरकार सबके साथ, सबके लिए खड़ी है। जनता में यह विश्वास पैदा करना ही सुशासन का सबसे बड़ा उद्देश्य है। प्रदेश में जनता का विश्वास हमें मिल रहा है। यही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और हमें यह जनविश्वास हर हाल में बनाए रखना है।

सरकार को सहज, पारदर्शी और विकेंद्रीकृत बनाना ही कांफ्रेंस का उद्देश्य

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में इसी बात पर मंथन किया जाएगा कि शासन व्यवस्था को और अधिक सहज, सरल, बेहतर, पारदर्शी और विकेंद्रीकृत कैसे बनाया जाए, ताकि योजनाओं का लाभ और अधिक शीघ्रता से जनता तक पहुंच सके। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि फील्ड में पदस्थ अधिकारी अपने काम और नवाचार से अपनी पहचान कायम करें। किसी भी ज्वलंत विषय पर पूरी दक्षता और तथ्यों के साथ अपनी बात रखें। स्थानीय जनता, मीडिया, जनप्रतिनिधियों और शासन, प्रशासन से निरंतर आत्मीय संवाद बनाए रखें।

विनम्र विद्यार्थी की तरह जिम्मेदारी निभाएं

मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि परमात्मा ने यदि हमें समाज के लिए काम करने का दायित्व दिया है तो हमें एक विनम्र विद्यार्थी की तरह इस दायित्व का निर्वहन करना ही चाहिए। हर दिन, हर तरीके से नई चीजें सीखें और अपनी दक्षता और अनुभव से उनका बेहतर क्रियान्वयन करें। लक्ष्य यह रखें कि नवाचार का समाज को अधिकतम लाभ मिले।

विजन 2047 को लेकर तय होगी प्राथमिकता

बैठक का मुख्य उद्देश्य विजन 2047 को लेकर राज्य सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट करना और जमीनी स्तर पर आने वाली समस्याओं पर चर्चा करना है। इसके साथ ही जिलों के परफार्मेंस पर भी डिस्कशन किया जा रहा है। हर जिले की परफार्मेंस रिपोर्ट इस मीटिंग में बताई जाएगी। इस बैठक में छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड भी चर्चा में रहेगा। कॉन्फ्रेंस में 8 सेक्टर में अलग-अलग चर्चा की जाएगी। हर एक सेशन के लिए सवा घंटे का समय तय है।

फ्लैगशिप स्कीम के टॉप 5 और बॉटम 5 के नाम बताएंगे

इस कॉन्फ्रेंस में सरकार की ओर से फ्लैगशिप स्कीम्स का रिव्यू किया जाएगा और इन स्कीम्स में अच्छा और खराब परफार्म करने वाले टॉप 5 और बॉटम 5 जिलों की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। इसे संबंधित जिलों के कलेक्टरों के परफार्मेंस से भी जोड़ा जाएगा। इसके आधार पर सरकार ऐसे अफसरों को परफार्मेंस सुधारने का मौका देने या फिर हटाने का फैसला ले सकती है।

कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में मैदानी अधिकारियों से बात करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव।

कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में मैदानी अधिकारियों से बात करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव।

अधिकतम तीन मिनट बोल सकेंगे कलेक्टर

मीटिंग के लिए जो थीम तय की गई है उसमें कुछ सिलेक्टेड कलेक्टरों को अपने नवाचार या अन्य विषय वस्तु की जानकारी देने का मौका दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें अधिकतम दो से तीन मिनट का समय मिलेगा। एक सेक्टर के लिए छह से सात कलेक्टर तय किए गए हैं।

इसमें कलेक्टर सरकार को फील्ड में सामने आने वाली दिक्कतों और इश्यूज की जानकारी देने के साथ अपने नवाचार और जिला स्तर के काम बता सकेंगे। साथ ही सुझाव भी दे सकेंगे। मीटिंग में आधे घंटे तक ओपन डिस्कसन करने का समय भी तय किया गया है। यह भी कहा गया है कि कुछ मामलों में कलेक्टरों के कामकाज की अक्टूबर से दिसम्बर की अवधि में समीक्षा की जाएगी।

जनसंवाद, रोजगार और योजनाओं की आसान डिलेवरी पर होगा फोकस

इस मीटिंग में मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री द्वारा स्थानीय संसाधनों के आधार पर कलेक्टरों द्वारा किए गए नवाचारों के अच्छे रिजल्ट पर चर्चा करने के साथ जनसंवाद पर फोकस करेंगे जो जिला, ब्लाक और पंचायत स्तर पर करना होगा। साथ ही जिला, ब्लाक और ग्राम स्तर पर अधिक से अधिक रोजगार दिए जाने, सरकारी योजनाओं की आम जन तक आसान डिलेवरी और योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए जागरूकता के प्रयासों पर भी फोकस रहेगा।

मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव द्वारा स्थानीय संसाधनों के आधार पर कलेक्टरों द्वारा किए गए नवाचारों के अच्छे रिजल्ट पर चर्चा।

मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव द्वारा स्थानीय संसाधनों के आधार पर कलेक्टरों द्वारा किए गए नवाचारों के अच्छे रिजल्ट पर चर्चा।

इन एजेंडों पर भी डिस्कसन

1- पहले दिन आज कॉन्फ्रेंस की शुरुआत के बाद एग्री एंड एलाइड एक्टिविटीज और फिर हेल्थ व न्यूट्रीशन पर डिस्कसन किया जाएगा।

2- इसके बाद एम्प्लायमेंट, इंडस्ट्रीज और इन्वेस्टमेंट, शहरीकरण तथा सुशासन पर भी सवा-सवा घंटे तक चर्चा की जाएगी।

3- रात में इन सभी अधिकारियों को सीएम निवास के समत्व भवन में डिनर दिया जाएगा।

4- इसमें सभी सचिव स्तर के अधिकारी, कमिश्नर, कलेक्टर और सीईओ जिला पंचायत शामिल होंगे।

दूसरे दिन कॉन्फ्रेंस की शुरुआत विभागों से जनसंपर्क 

एक्सपेक्टेशन को लेकर होगी जिसे एसीएस, सीपीआर और चीफ सेक्रेट्री संबोधित करेंगे।

इसके बाद सीएम के आने के बाद शिक्षा, ग्रामीण विकास और ट्रायबल तथा कानून व्यवस्था पर डिस्कसन और सरकार की प्राथमिकताओं पर चर्चा की जाएगी। कानून व्यवस्था संबंधी बैठकों से पहले सीईओ जिला पंचायत को उनकी अलग ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा।

इन 17 विभागों के अफसर रहेंगे कॉन्फ्रेंंस में

कलेक्टर कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में जिन 17 विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अधिकारियों की मौजूदगी रहेगी उसमें वन और कृषि उत्पादन आयुक्त, नगरीय विकास और आ‌वास, सामान्य प्रशासन, वित्त विभाग, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग शामिल हैं। साथ ही तकनीकी शिक्षा-कौशल विकास, गृह विभाग, योजना-आर्थिक और सांख्यिकी, औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन, जनजातीय कार्य विभाग, लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा, स्कूल शिक्षा, किसान कल्याण और कृषि विकास तथा महिला और बाल विकास व परिवहन, राजस्व, विधि और विधायी कार्य विभाग के अधिकारी भी इसमें मौजूद रहेंगे।

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