जियोमार्ट ने झारखंड के कारीगरों को सशक्त बनाने के लिए जसकोलैम्प्फ और झारक्राफ्ट के साथ साझेदारी की

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मुंबई, रिलायंस रिटेल की ई-मार्केटप्लेस शाखा, जियोमार्ट, ने झारखंड के सरकारी एम्पोरियम ‘जसकोलैम्प्फ’ और झारखंड सरकार के उपक्रम ‘झारक्राफ्ट’ के साथ मिलकर छोटे विक्रेताओं, कारीगरों और बुनकरों को सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदारी की घोषणा की है। इस साझेदारी का उद्देश्य झारखंड के विभिन्न जिलों जैसे गुमला, सरायकेला, और पलामू के कारीगरों को जियोमार्ट के माध्यम से अपने उत्पाद बेचने का मंच प्रदान करना है।

इस पहल से झारखंड के 10 हजार से अधिक कारीगरों और बुनकरों के जुड़ने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके तहत, जियोमार्ट के ग्राहकों को अब झारखंड के पारंपरिक और हस्तशिल्प उत्पादों की व्यापक रेंज उपलब्ध होगी, जिसमें लकड़ी के उत्पाद, बांस के उत्पाद, ढोकरा कलाकृतियाँ, टेराकोटा आइटम, लाख की चूड़ियाँ, कॉटन हैंडलूम, एप्लिक वर्क, जरदोजी वर्क, तसर हैंडलूम साड़ियाँ, पुरुषों की शर्ट, बिना सिले ड्रेस मटीरियल, हाथ से बने बैग, बेडशीट, पेंटिंग और होम डेकोर उत्पाद शामिल हैं।

जसकोलैम्प्फ के प्रबंध निदेशक, राकेश कुमार सिंह, ने कहा, “यह सहयोग झारखंड के कारीगरों और बुनकरों को एक नया मंच प्रदान करेगा जिससे उनके उत्पादों की पहुंच बढ़ेगी और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सकेगा।” झारक्राफ्ट के उप महाप्रबंधक, अश्विनी सहाय, ने इस अवसर पर कहा, “हम जियोमार्ट पर झारखंड के शिल्प को लॉन्च करने पर उत्साहित हैं और यह हमारे कारीगरों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।”

जियोमार्ट ने अब तक 20 हजार से अधिक कारीगरों और बुनकरों को सशक्त बनाया है और 10 राज्य सरकारों के एम्पोरियम के 3 लाख से अधिक उत्पादों को बेचने का काम किया है। यह नई साझेदारी झारखंड के कारीगरों को न केवल अपने उत्पादों की बिक्री बढ़ाने में मदद करेगी बल्कि उनके कला और शिल्प को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में भी सहायक होगी।

इस पहल से न केवल कारीगरों को लाभ होगा बल्कि झारखंड के समृद्ध सांस्कृतिक और शिल्पिक धरोहर को भी व्यापक पहचान मिलेगी।

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