सीएम की नाराजगी के बाद डीजीपी ने ली मीटिंग:कहा- अधीनस्थों पर नियंत्रण रखें सीनियर अफसर; खुद फील्ड में उतरें, आचरण भी सुधारें

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( उजला दर्पण अंकित सेन स्टेट हेड मध्य प्रदेश )

वीडियो कांफ्रेंसिंग से प्रदेश की कानून व्यवस्था की समीक्षा करते डीजीपी कैलाश मकवाना।

भोपाल प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सीएम डॉ. मोहन यादव की नाराजगी और सख्ती के बाद पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने कहा है कि फील्ड में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों का अधीनस्थ अफसरों पर नियंत्रण नहीं रहता। इसके लिए सीनियर अफसरों को खुद भी आदर्श आचरण रखना होगा। इस बात पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस की उपस्थिति हर स्तर पर महसूस होनी चाहिए। पेट्रोलिंग पूरी तरह प्रभावी हो, निरीक्षण नियमित और गंभीरता से किया जाए। धरना, प्रदर्शन, चक्काजाम और अन्य संवेदनशील परिस्थितियों में जनता तथा जनप्रतिनिधियों से सतत संवाद बनाए रखना आवश्यक है।

पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने बुधवार को पुलिस मुख्यालय से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश भर के एडीजी, आईजी, भोपाल एवं इंदौर के पुलिस कमिश्नर, रेंज डीआईजी एवं सभी पुलिस अधीक्षक व उपायुक्त के साथ कानून-व्‍यवस्‍था की स्थिति की रिपोर्ट ली। उन्‍होंने कहा कि पुलिस अमला प्रोफेशनल तरीका (व्यवसायिक दृष्टिकोण) अपनाकर अपने काम-काज को अंजाम दे। इससे बेहतर ढंग से कानून का पालन होगा। साथ ही पुलिस के प्रति समाज में सम्मान एवं विश्वास भी बढ़ेगा।

पुलिस महानिदेशक मकवाना ने कहा कि वरिष्‍ठ अधिकारी अपने अधीनस्थों का मार्गदर्शन करें, उन पर नियंत्रण बनाए रखें और स्वयं भी आदर्श आचरण प्रस्तुत करें। उन्होंने निर्देश दिए कि महत्वपूर्ण मामलों पर जिलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को तथ्यात्मक और स्पष्ट जानकारी दी जाए। गलत सूचनाओं का खंडन किया जाए। साथ ही अच्छे कार्यों को सामने लाकर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को सम्मानित किया जाए, ताकि सकारात्मक कार्य को निरंतर बढ़ावा मिले।

बेसिक पुलिसिंग को सबसे ज्यादा प्राथमिकता

उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में बेसिक पुलिसिंग को मजबूत करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। शहरों, कस्बों, बाजारों और मुख्य सड़कों पर पुलिस की उपस्थिति स्पष्ट और भरोसेमंद दिखनी चाहिए।

पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक स्वयं फील्ड पर निकलकर आकस्मिक निरीक्षण करें, ताकि कानून-व्यवस्था पर बेहतर नियंत्रण स्थापित रहे। माइक्रो बीट व्यवस्था पर विशेष ध्‍यान, नाकाबंदी और रात्रिकालीन चेकिंग को और प्रभावी बनाने तथा लिस्टेड गुंडों और हिस्ट्रीशीटरों की नियमित जांच सुनिश्चित करने के निर्देश भी उन्‍होंने दिए।

कार्य में लापरवाही पर क्विक एक्शन हो

पुलिस महानिदेशक मकवाना ने कहा कि ट्रैफिक रेगुलेशन पर विशेष ध्यान दिया जाए। महत्‍वपूर्ण प्रकरणों की केस डायरी, आरोपियों की त्‍वरित गिरफ्तारी, थाना अमले से संवाद, नियमित परेड और फोर्स के उचित उपयोग जैसे सभी दायित्वों को गंभीरता से निभाया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कार्य में लापरवाही और उदासीनता पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।

प्रदेश को लगातार अलर्ट मोड पर रखें

उन्‍होंने देशभर में पिछले दिनों हुई बड़ी घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश को लगातार अलर्ट मोड पर रहना होगा। 6 दिसंबर को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने, फोर्स की पूरी तैयारी रखने तथा धार्मिक और जातीय संवेदनशीलता वाले मामलों में विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए।

वरिष्ठ अधिकारियों की सक्रिय उपस्थिति और नेतृत्व, अपराध नियंत्रण तथा सार्वजनिक सुरक्षा का सबसे प्रभावी माध्यम है। इसलिए सभी अधिकारी फील्ड में उतरें, जनता से संवाद बढ़ाएं, पुलिस की उपस्थिति दृश्यमान बनाएं ।

सीएम के रिव्यू और निर्देशों से कराया अवगत

पुलिस महानिदेशक ने मुख्यमंत्री द्वारा की गई समीक्षा का संदर्भ देते हुए जिलों को अत्यधिक सजग और सक्रिय रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस की उपस्थिति हर स्तर पर महसूस होनी चाहिए। पेट्रोलिंग पूर्णतः प्रभावी हो, निरीक्षण नियमित और गंभीरता से किया जाए। धरना, प्रदर्शन, चक्काजाम और अन्य संवेदनशील परिस्थितियों में जनता तथा जनप्रतिनिधियों से सतत संवाद बनाए रखना आवश्यक है।

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